बच्चा
जब जनमं लेता है, उसी वकत से उसकी सिखने की प्रक्रिया शुरू हो
जाती है,
पर यह शुरुवात उसके परिवार से होती है| चुकी उसका विकास करने की जबाबदारी विशेष की रूपसे उसके माँ
तथा पिताजी के ऊपर आती है| पर यह
विकास की प्रक्रिया सही तरीके से हो तो बच्चे का भविष्य उज्वल हो जाता है|
और
फिर जब बच्चा स्कूल जाता है तो उसे उसके टीचर को सोपा दिया जाता है| बच्चा स्कूल मैं करीबन ५ से ६ घंटे गुजरता है| इन घंटो मैं जो शिक्षा उसे मिलती है वह जरुरी है| आजकल स्कूल मैं गतिविधि आधारित शिक्षण दिया जाता है, चिकी वह बच्चोंके के अकादेमिक विकास, मानसिक विकास, कौशल्य
विकास के लिए जरुरी होता है| पर
इसका महत्व बहुत कम लोंगोंको होता है, तो जब
घरमे बच्चोंको असायमेंट तथा प्रोजेक्ट दिया जाता है, तो अभिभावक की और से उसके प्रती निराशा जागती है| वे सिर्फ यह गतिविधि करने के लिए करते है, और तो उनमे बच्चोंका सहभाग कम होता है|
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