Friday 30 August 2013

पहले अंडा आया की मुर्गी आई?

                        
आज कक्षा ७ वी में जाने का मौका मिला| मैंने बच्चोंको एक प्रश्न दिया की, पहले मुर्गी आई की अंडा आया? तो बच्चोने ने उनके अनुभव तथा जो वो जानते है वह उन सारी बातोको साझा किया है|

सरला लिखती है की, मेरे घर में मुर्गी है| पहले मुर्गी आई, उसके बाद अंडा आया, अंडे से बच्चा निकला और धीरे-  धीरे वह बड़ा हो गया| फिर वह लिखती है की, सबसे पहला अंडा आया| फिर मुर्गी से अंडा निकला था|
राहुल लिखता है की, पहले मुर्गी और मुर्गा दोनों आये| दोनों की दोस्ती हुई और वो दोनों आपस में मिल गए| दोनों पति-पत्नी हो गए| उनका भी परिवार हो गया| परिवार इस वजह से हुआ क्योंकि मुर्गा ने अंडे दिया और मुर्गी अंडे पर १५ दिन तक बैठे रही| उसके बाद बच्चे की अंडे से आवाज़ आई और मुर्गी के कान तक पहुची और बच्चे निकलते है और उनका भी परिवार होता है|

राहुल,विकास और किरण लिखता है की, पहले अंडा आया और अंडे में मुर्गी निकली और फिर वो बड़ी होकर अंडे निकालती है| अंडे से मुर्गी निकलती है| जब कोई महेमान आते है तो तब उसके बच्चो को मारकर मिट बनाते है|

महेंद्र लिखता है की, पहले अंडा आया| फिर अंडा फुट गया| उनमे से बच्चा निकला|

वंदना,उर्वशीबसंती, टीना और डिंपल लिखते है की, पहले मुर्गी होती है तभी अंडे देती है| हमारे घर में मुर्गी नहीं है| लेकिन दुसरे के घर पर है इसलिए पता है| मुर्गी को भगवान ने पैदा किया तभी तो मुर्गी आइ, मुर्गी नहीं होती तो अंडा कहा से आता?
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चेतन कहता है की, पहले अंडा आया फिर मुर्गी आइ| मुर्गी १२ अंडे देती है| मुर्गी १२ बच्चे निकालते है| मुर्गी कुकू-कुकू करती है| फिर बच्चे के पास आती है| फिर मुर्गी बच्चे को सुलाती है| बच्चे को भूख लगती है तो बच्चे किस-किस कर बोलते है| कभी-कभी बच्चे को बिल्ली खा जाती है|

संजय ने कहानी के माध्यम से कहा की, सबसे पहले अंडा आया| अंडे में से बच्चा निकला| फिर बच्चो के पास मुर्गी आई| फिर मुर्गी बच्चे को बोलती है की बच्चो भूख लगी है? बच्चे बोलते है की, “ हा! माँ हमें भूख लगी है”| माँ बच्चे को खाना देती है| उसके बाद बच्चे खेलने जाते है| सारे बच्चे रात को सो जाते है| सिर्फ एक बच्चा जागता है| वो माँ को बोलता है की, “माँ बाहर जल्दी आओ देखो यहा नेवला आया है” सुबह उठकर बच्चे और मुर्गी खाना बनाते है| मुर्गी के घर मेहमान आते है| मेहमानों को खाना खिलाते है| बाकी खाना बचता है तो मुर्गी के बच्चे खा जाते है| फिर बच्चे खेरवाडा जाकर शाक-भाजी लेने जाते है| बच्चे भैयाजी को पूछते है की, “पैसे कितने हुए?” भैया कहता है की, “५० रुपये”| फिर बच्चे मेहमानों को केले और अंगूर बाटते है| सब लोग खुश हो जाते है|

अरविंद एक कहानी सुनाता है| सबसे पहले अंडा आया| फिर मुर्गी उसे चोच से अंडे को फोडती है, बच्चा टीस-टीस करता है| मुर्गी पुछती है की, “क्यों बच्चे टीस-टीस करता है? बच्चे कौन आ रहा है?” बच्चे कहते है की, “रोज –रोज नेवला आता है, वो हमें खाने आता है”| बच्चे जंगल में रोज चुगने जाते है| एक दिन बिल्ली पेड़ के निचे छुपती है, उसी पेड़ के निचे बच्चे आ जाते है और बिल्ली उनपर झपटा लगाती है और मुर्गी के बच्चे मर जाते है|  मुर्गी बहुत दुःखी होती है|
































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