Saturday 7 September 2013

तामझाम और उसमे फसी हुई औरते

पिछले दो दिनों से हमारे यहाँ शादी का माहोल चल रहा हैवैसे तो शादी है गुजराती के घर कीउन्हें हमारे यहाँ के लोग छैया” कहते हैजिस घर में शादी हो रही हैवे सिर्फ हमारे बगल के घर मे रहते हैमतलब उनके घर की दिवार और हमारे घर की दिवार एक ही हैघर के सामने मैदान में मंडप सजाया हुआ हैजहा पर रातको औरते गुजराती में गाने गाते है और उस गानो में तो बहुत सारी गालिया दी जाती है और वो भी दुल्हे की माँपिताभाईदेवरानी या जेठानी के नाम लेते हुएउसमे लोग मजे लेते है|
आज तो पार्टी थीवैसे तो शादी कल है आज दुल्हे की मा और सारे घर वाले उसके भाई के घर जाते हैवहां पर भाई याने दुल्हे का मामाबहुत सारे सोने के जेवरकुछ घरेलु सामानकपडे देते हैइस गतिविधि को, “मामेरू” कहते हैमैंने सुना की कोई लोग तो २० लाख तक का सामान देते हैपता नहीं इनको कितने रुपयोंका मिला|  उसी के साथ रातको DJ है इसमें तो आधी chawl के लोग नाचने तथा देखने आयेंगे मेरी दोस्त आरती इस DJ को चाँदनी बार” कहती है देखो अभी तो कुछ देर के बाद मेरा घर तो हिलने वाला होगा लोगोंको नाचते हुए देखने में तो मजा आएगा क्योंकि हर कोई अपने ढंग से नाचता हैआज तो बहुत सारी दारूबियर पि ली जाएगीऔर फिर कल लोग इसी जोश में शादी में जाने के लिए तैयार हो जायेगे |
इन लोगोंको के समाज में भी एक बात दिखाई देती है कीवे लडकियोंकी शादी जल्दी करवा देते हैक्योंकि उन्हें डर होता हैकी कई हमारी लडकिया किसी के साथ भाग ना जायेऔर दूसरी बात यही की सारे लोग सोचते है की लड्कियोकी शादी जल्दी करवानी चाहिए और एक बात देखि की इनके लड्कियो के किसी के साथ सबंध देखे तो वे तुरंत ही उसी या किसी अन्य लड़के से शादी करवा देते है|  हमारे chawl में एक लड़की को एक लड़के से प्यार थावे दोनों भी गुजराती ही है और एक ही चाली में रहते है मतलब दोनों का घर एक दुसरे के सामने ही हैतो उनके दोनों परिवार ने दोनों के शादी का निर्णय ले लिया अभी शादी को कुछ ५ से ६ साल ही हुए होगेउन्हें एक ३ से ४ साल की बेटी भी हैमनीषा अब शरीर से एकदम दुबली – पतली हैऐसा लगता है की वो बहुत बीमार है और मुह से लगता है की वो खुश नहीं है जैसे के मैंने उसे शादी से पहले देखा थाशादी से पहले वो बहुत खूबसरत लगती थीआज वो खूबसूरती उसमे दिखती ही नहीं|
वैसे तो मेरे अबतक का शादी-शुदा औरतो के लिए अनुमान यही रहा हैकी वे शादी के पहले से जो अपनी ख़ुशी वाली जिन्दगी जी रही थीशादी के बाद जिन्दगी बहुत उदासी से भरी हुईदुःख-दर्दपरेशानीबहुत सारे जबाबदारी से उलझे हुए इत्यादी पता नहीं शादी में ऐसा क्या है कीशादी के तुरंत बाद इतना बड़ा फर्क गिर जाता हैऔर यह फर्क मैंने ज्यादा करके शरीर ओर मन को देखते हुए महसूस किया हुआ हैअगर यह तकलीफ़ उनकी साथ वाली औरतों को बताये तो वो अपने साथ क्या हुआ उस बात को बोलने के लिए कुछ दिन के बाद भूल जाती हैऔर सिर्फ वे अपने पतिननंदसासपिताजेठदेवारानी-जेठानि और उनके बच्चे के भी बारे में ही बाते करती हैजैसे उसने ये कियाऐसे कियाउसका व्यवहार ऐसा है इत्यादि | शायद वो कहिना कही वो अपने दर्द को उसी बातों से कम करती हो बड़ी अजीब सी है यह औरतों की जिंदगी तब पर भी इतने सारी दुखों में कैसे भी करके जी लेती है 







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