Sunday 22 March 2015

रिश्ता अनोखा टीचर्स के साथ................

अपने टीचर्स के साथ अनोखा, अलग रिश्ता है मेरा. जिसका मुझे कई दिनों से इन्तेजार था उसे मैंने यहा आकर देख लिया और करीब से महसूस किया. मेरे मन के कल्पनाओं को उडान मिल गयी. रिश्ते ऐसे होने चाहिए जिसमे प्यार, आदर, और कुछ अच्छा करने की भावना हो सामने वाले के लिए. स्टूडेंट-टीचर्स के रिश्ते भी ऐसे ही कुछ है. लेकिन कई बार इन रिश्तो के बिच जब ‘डर’ की भावना पैदा हो जाती है. तो आगे स्टूडेंट-टीचर के रिश्ते में एक फासले आ जाते है. जिसे चाहकर भी भरा नहीं जा सकता. लेकिन इन दोनों में से किसी एक या दोनों ने आगे आकर इस रिश्तो को बेहतर बनाने के ख्वाब बुन सकता है. इन दो रिश्तो में एक चीज सामन्य है “सीखना-सीखाना” यह दो अंग एकसाथ चलते है दोनों के बिच. दोनों भी एकदूसरे से सीखते है. तो वो कुछ अनुभव हो या किताबी ज्ञान या  क्लास में की जाने वाली हसी-मजाक. उन हर पलों से टीचर्स-स्टूडेंट्स लेते और देते है एकदूसरे से.
  
इन रिश्तो ने मेरे जीवन में और एक प्यार, मोहब्बत वाली छाप छोड़ दि. कहते है यह शब्द तो केवल प्रिय-प्रेयसी/पती-पत्नी के बिच होती है लेकिन इन शब्दों को मैंने अपने आप में महसूस किया.    
इस दो साल के सफर में मैंने जाना, काउन्सलिंग/साइकोलॉजी के बारे में. इमोशन, फीलिंग, विचार, कल्पनाये. इन्हें अपने अनुभव से करीब से महसूस किया. उन्हें शब्द देने की कोशिश की अपने लिखावट के दौरान. यह सफर जारी है अपने आप के साथ. अपने टीचर्स कहते है ऐसा नही हो सकता की आपने सिखा नही लेकिन मैंने बहुत कुछ सिखा. रिश्तो के बारे में सिखा, अपने जीवन से जिन लोगो से जुडी हु उन रिश्तो को मैंने जाना, समझा और उन्हें बेहतर बनाने की कोशिश की. 

इस कोर्स के दौरान अपने जीवन के बारे में मुझे जानने मिला. उसे समझने का मौक़ा मिला और उसी समझदारी को लेकर अपने जीवन को सुंदर बनाने की भी प्रक्रिया शुरू की. तो वो मेरे लिखना हो, बाते करना हो, रिश्तो को बेहतर करना हो. क्योंकि मै जानती हु यह बाते मेरे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है इनके बिना रहना मेरे लिए मुश्किल है. बाकी रही कोर्स की बाते तो वो काम करते वक्त सीख लेंगे, तो वो पढ़कर या ट्रेनिंग लेकर हो. लेकिन उसे पूरा करेंगे.


और क्या कहा जाए जीवन के सफर की तरह मुसाफिर बनते हुए आगे बढ़ाना है. ख़ुशी लेनी और बाटनी है. ताकि जीवन के इस पूरी प्रक्रिया को जी भर के जिया जा सके. 

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