Monday 15 June 2015

जो तेरा है वो मेरा है.........................

हम सारे एक ही चीज के उपर काम कर रहे है. याने की लोगो के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कोशिश कर रहे है. तो वो भावनिक तौर पर काम करना है या शारीरिक, या कोई अन्य सुविधा जो इन्सान को जीने के लिए जरुरी है. ऐसे वक़्त में अगर मै इनमें से किसी डोमेन के उपर काम कर रही हु, इसका मतलब यह नही की, मै केवल इसी डोमेन के उपर काम करुँगी या मै बाकी डोमेन के उपर मेरा ध्यान नही रहेगा. क्योंकि जीवन में जैसे हम कहते है की सारे चीजो के बारे में अनुभव लेना है. तो क्यों ना अपने प्रोफेशनल लाइफ में भी अनुभवो का रास्ता खुला रखना है. जिससे होगा की, अपने खुद के विजन को में और भी अच्छे तरीके से समझ पाउंगी.

तो मुझे लगता है की, ऐसे वक्त में हमें यह देखना है की हमारा विजन. अब जो काम यहा पर मिल रहा है, तो वो rsw वाला हो या काउन्सलिंग साइकोलोजिस्ट हो. काम तो करना है क्योंकि अपना विजन तो एक है ना! बात रही अपने पसंदीदार काम के लिए, तो उसके लिए किसी की ना नही है. मुझे केवल आगे बढना है. उस विजन को पूरा करने के लिए. तो इस वक्त में अपने आप को पीछे नही रखना बल्कि जो भी काम मिल रहा है उसमे आगे रहना है. और उसी को बेहतरीन की और चलना है.

इस पुरे प्रक्रिया में अपने आप को पूरी तरीके से अपनाना और भी बाकी चीजो को भी. क्योंकि अगर केवल अपना ही गाना बजेगा तो काम करना या अपने विजिन तक पहुचना बहुत मुश्किल होगा. इसलिए अपने विचारो, भावनाओं में थोड़ी अस्थिरता देनी है.

तो इसलिए लगता है, की हम सारे लोग एक ही पेज काम कर रहे है. उसमे कोई भी काम ऐसा नही की यह मुझे नही करना, या यह मेरा काम नही है. या इस काम में मुझे ख़ुशी नही मिलेगी. तो यही कहने को अपने परिवर्तन को कहने के लिए मन करना है की, “जो तो तेरा है वो मेरा है”.


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